आज डॉ. कलाम साहब का जन्म दिवस है,15 अक्तूबर, 1931, धनुषकोडी गाँव जो कि तमिलनाडु में है के एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में जन्मे कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेकनालजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। स्नातक हो
ने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसलवी3 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। अवुल पकीर जैनुलबीदीन अब्दुल कलाम को भारत सरकार द्वारा 1981 में प्रशासकीय सेवा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के तौर पर आये और उन्होंने अपना सारा ध्यान “गाइडेड मिसाइल” के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल और पृथवी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय काफी कुछ उन्हीं को है। जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
डाक्टर कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 1997 में सम्मानित किया गया। 18 जुलाई, 2002 को डाक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया और उन्होंने 25 जुलाई को अपना पदभार ग्र्हण किया। इस पद के लिये उनका नामांकन उस समय सत्तासीन राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन की सरकार ने किया था जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सम्रथन हासिल हुआ था। उनका विरोध करने वालों में उस समय सबसे मुख्य दल भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी और अन्य वामपंथी सहयोगी दल थे। वामपंथी दलों ने अपनी तरफ से 87 वर्षीया श्रीमती लक्ष्मी सहगल का नामांकन किया था जो सुभाषचंद्र बोस के आज़ाद हिंद फौज में और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने योगदान के लिये जानी जाती हैं।
डाक्टर अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों में से हैं। ऐसा कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्यन करते हैं। कलाम ने कई स्थानों पर उल्लेख किया है कि वे तिरुक्कुराल का भी अनुसरण करते हैं, उनके भाषणों में कम से कम एक कुराल का उल्लेख अवश्य रहता है। राजनैतिक स्तर पर कलाम की चाहत है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका विस्तार हो और भारत ज्यादा से ज्याद महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत है। उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की है और वे तकनीक को भारत के जनसाधारण तक पहुँचाने की हमेशा वक़ालत करते रहे हैं। बच्चों और युवाओं के बीच डाक्टर क़लाम अत्यधिक लोकप्रिय हैं।
ए पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार
: शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का.
:क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
: कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये.
: अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे.
: भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं. इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है.
: महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं.
: अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु.
: यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा.
: आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके.
: आकाश की तरफ देखिये.
: इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं.
: किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया.
: अपने मिशन में कामयाब होने के लिए , आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा.
: इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे .
.............जन्मदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनायें.............................
गूगल विकिपीडिया से संकलित
द्वारा :- कुलदीप वर्मा
जय हिन्द जय भारत जय हिंदुत्व
1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में वापस निदेशक के तौर पर आये और उन्होंने अपना सारा ध्यान “गाइडेड मिसाइल” के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल और पृथवी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय काफी कुछ उन्हीं को है। जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
डाक्टर कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 1997 में सम्मानित किया गया। 18 जुलाई, 2002 को डाक्टर कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया और उन्होंने 25 जुलाई को अपना पदभार ग्र्हण किया। इस पद के लिये उनका नामांकन उस समय सत्तासीन राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन की सरकार ने किया था जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सम्रथन हासिल हुआ था। उनका विरोध करने वालों में उस समय सबसे मुख्य दल भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी और अन्य वामपंथी सहयोगी दल थे। वामपंथी दलों ने अपनी तरफ से 87 वर्षीया श्रीमती लक्ष्मी सहगल का नामांकन किया था जो सुभाषचंद्र बोस के आज़ाद हिंद फौज में और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपने योगदान के लिये जानी जाती हैं।
डाक्टर अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों में से हैं। ऐसा कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्यन करते हैं। कलाम ने कई स्थानों पर उल्लेख किया है कि वे तिरुक्कुराल का भी अनुसरण करते हैं, उनके भाषणों में कम से कम एक कुराल का उल्लेख अवश्य रहता है। राजनैतिक स्तर पर कलाम की चाहत है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका विस्तार हो और भारत ज्यादा से ज्याद महत्वपूर्ण भूमिका निभाये। भारत को महाशक्ति बनने की दिशा में कदम बढाते देखना उनकी दिली चाहत है। उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की है और वे तकनीक को भारत के जनसाधारण तक पहुँचाने की हमेशा वक़ालत करते रहे हैं। बच्चों और युवाओं के बीच डाक्टर क़लाम अत्यधिक लोकप्रिय हैं।
ए पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार
: शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का.
:क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
: कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये.
: अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं. मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे.
: भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं. इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है.
: महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं.
: अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु.
: यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा.
: आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके.
: आकाश की तरफ देखिये.
: इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं.
: किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया.
: अपने मिशन में कामयाब होने के लिए , आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा.
: इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे .
.............जन्मदिवस की बहुत-बहुत शुभकामनायें.............................
गूगल विकिपीडिया से संकलित
द्वारा :- कुलदीप वर्मा
जय हिन्द जय भारत जय हिंदुत्व
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