एक राजा ने एक महात्मा से कहा – “कृपया मुझे सत्य के बारे में बताइये. इसकी प्रतीति कैसी है? इसे प्राप्त करने के बाद की अनुभूति क्या होती है?”
राजा के प्रश्न के उत्तर में महात्मा ने राजा से कहा – “ठीक है. पहले आप मुझे एक बात बताइए, आप किसी ऐस
राजा के प्रश्न के उत्तर में महात्मा ने राजा से कहा – “ठीक है. पहले आप मुझे एक बात बताइए, आप किसी ऐस
े व्यक्ति को आम का स्वाद कैसे समझायेंगे जिसने पहले कभी आम नहीं खाया हो?”
राजा सोच-विचार में डूब गया. उसने हर तरह की तरकीब सोची पर वह यह नहीं बता सका कि उस व्यक्ति को आम का स्वाद कैसे समझाया जाय जिसने कभी आम नहीं खाया हो.
हताश होकर उसने महात्मा से ही कहा – “मुझे नहीं मालूम, आप ही बता दीजिये”.
महात्मा ने पास ही रखी थाली से एक आम उठाया और उसे राजा को देते हुए कहा – “यह बहुत मीठा है. इसे खाकर देखो”.
जय हिन्द जय भारत जय महाकाल जय हिंदुत्व
राजा सोच-विचार में डूब गया. उसने हर तरह की तरकीब सोची पर वह यह नहीं बता सका कि उस व्यक्ति को आम का स्वाद कैसे समझाया जाय जिसने कभी आम नहीं खाया हो.
हताश होकर उसने महात्मा से ही कहा – “मुझे नहीं मालूम, आप ही बता दीजिये”.
महात्मा ने पास ही रखी थाली से एक आम उठाया और उसे राजा को देते हुए कहा – “यह बहुत मीठा है. इसे खाकर देखो”.
जय हिन्द जय भारत जय महाकाल जय हिंदुत्व
bahut acha likha hai
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