सोमवार, 15 अक्टूबर 2012

खर्राटे कुदरत का अलार्म


                                                     खर्राटे कुदरत का अलार्म


नींद में खर्राटे आना कई बार सामान्य होता है ,कई बार थकान के कारण खर्राटे आते है तथा कई बार यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी के साथ जुड़ा हुआ होता है।60 % मनुष्यों में यह लक्षण उच्च रक्तदाब,सुगर,कोलेस्ट्रोल की अधिकता,ह्रदय
रोग जैसी बीमारियों के कारण पाया गया ।ऐसे व्यक्तियों को मक्खन,मलाई,पनीर,दही,केला,फ्रीज़ में रखा पानी या खाद्य,मिठाई,तले व चिकनाई वाले पदार्थ नहीं खाने चाहिए ।दिन में सोना,एयर कंडीसन में रहना,सतत बैठे रहना छोड़ देना चाहिए ।खर्राटे आना यह कुदरत का अलार्म है ।कुदरत खर्राटो द्वारा मनुष्य को अपनी जीवन शैली ठीक करने की चेतावनी देती है ।ऐसे व्यक्ति आहार में सुधार के साथ नियमित आसन-प्राणायाम-कसरत करे और 20 ग्राम अदरक का रस (लगभग 4 छोटी चमच्च) में 5 ग्राम गुड मिलाकर सुबह खाली पेट 21 दिन तक ले ।आवशयक हो तो 5 दिन के अंतर से यह प्रयोग पुन दोहराया जा सकता है । इन दिनों में मिर्च,राइ,मैथी,हिंग जैसी गरम वस्तुवो का सेवन न करे ।



** जम्हाई रात्री को आती हो तो ठीक है परन्तु दिन में ज्यादा जम्हाइया आती हो तो निस्तेज और नीरसता की खबर देता है।वह भविष्य में होने वाली नर्व्हस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) सम्बंधित बिमारी का संकेत हो सकता है ।ऐसे लोगो को अदरक व लहसुन का सेवन वैधकीय सलाह से करना चाहिए ।

....................................................जय हिंद जय भारत .............................................................

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